रोशनी के पांच दिन के महापर्व का शुभारंभ शुक्रवार को धनतेरस के साथ हो गया। बाजार सज गए हैं। घर भी संवर गए हैं। धनतेरस पर इस बार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में ब्रह्म, सर्वार्थ सिद्धि और वैधृति कामहायोग बन रहा है। यह यश, वैभव, देश की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य देने वाला है।
इसमें आरोग्य प्राप्ति के लिए भगवान धनवंतरी और समृद्धि के लिए कुबेर के साथ लक्ष्मी-गणेश का पूजन किया जाएगा। आचार्य डॉ. हरिगोपाल शर्मा (भागवत किंकर) ने बताया कि धनतेरस पर लॉकर में स्वस्तिक बनाकर लाल कपड़ा बिछाएं।
इस पर खील रखें। दीपक जलाएं। खील पर लक्ष्मी-गणेशजी वाला चांदी का सिक्का रखें। साथ में धनिया, गुड़, कमल गट्टे रख दें। खील पर रखे सिक्के को कुबेर मानकर पूजा करें।